GBP/USD 5-मिनट विश्लेषण
सोमवार को GBP/USD करेंसी जोड़ी ने पिछले हफ्ते की मजबूत तेजी के बाद थोड़ा करेक्शन किया। सिर्फ चार दिनों में ब्रिटिश पाउंड ने 400 पिप्स की तेजी दिखाई (मूवमेंट के निचले से ऊपरी स्तर तक), जबकि अगले दो दिनों में यह सिर्फ 85 पिप्स का करेक्शन कर सका। तकनीकी रूप से देखा जाए तो प्राइस क्रिटिकल लाइन को भी नहीं तोड़ सका। यह Kijun-sen लाइन से वापस उछला, जो पास ही स्थित थी, इसलिए ट्रेंड के दोबारा शुरू होने की पूरी संभावना है।
सोमवार को एकमात्र महत्वपूर्ण घटना ब्रिटेन की पहली तिमाही के अंतिम GDP आंकड़ों का जारी होना था। तीसरा अनुमान पूरी तरह से दूसरे अनुमान से मेल खाता था — ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में 0.7% की वृद्धि हुई। लेकिन क्या कोई वाकई में मानता है कि इस रिपोर्ट ने डॉलर को थोड़ा भी मजबूत होने से रोका? अमेरिकी डॉलर पर डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों का जबरदस्त दबाव बना हुआ है। अब डॉलर को गिराने के लिए रोजाना किसी बड़ी खबर की भी ज़रूरत नहीं पड़ती।
इस हफ्ते अमेरिका में कुछ महत्वपूर्ण आर्थिक रिपोर्ट्स जारी होंगी, लेकिन फिलहाल ये भी डॉलर के पक्ष में सकारात्मक संकेत नहीं दे रहीं। पिछले कुछ महीनों में अमेरिकी लेबर मार्केट ने मजबूत प्रदर्शन किया है, लेकिन जैसे ही इसमें कमजोरी आने लगती है (जो संभव है), डॉलर अपना आखिरी मजबूत आधार भी खो देगा।
5-मिनट की टाइमफ्रेम में देखें तो यूरोपीय सत्र की शुरुआत में प्राइस ने एक मजबूत सेल सिग्नल बनाया। पेयर 1.3741 के स्तर से उछला और फिर 50 पिप्स नीचे गया, Kijun-sen लाइन तक पहुँचा — हालांकि यह चार्ट पर दिखाई नहीं दे रहा क्योंकि दिनभर में Kijun-sen लाइन में बदलाव होता रहा। इस तरह, लक्ष्य पूरा हुआ और क्रिटिकल लाइन से उछाल ने लॉन्ग पोजीशन खोलने का भी मौका दिया, जो लाभदायक साबित हुई।
COT रिपोर्ट
ब्रिटिश पाउंड के लिए COT (Commitment of Traders) रिपोर्ट्स संकेत देती हैं कि पिछले कुछ वर्षों में कमर्शियल ट्रेडर्स की धारणा लगातार बदलती रही है। लाल और नीली रेखाएं, जो कमर्शियल और नॉन-कमर्शियल ट्रेडर्स की नेट पोज़िशन को दर्शाती हैं, अक्सर एक-दूसरे को काटती रहती हैं और आमतौर पर ज़ीरो लाइन के आसपास रहती हैं। फिलहाल, ये दोनों रेखाएं एक-दूसरे के काफी करीब हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि बाय और सेल पोज़िशन की संख्या लगभग बराबर है। हालांकि, पिछले डेढ़ साल में नेट पोज़िशन में वृद्धि देखी गई है।
डॉलर पर डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के चलते दबाव बना हुआ है, जिससे मार्केट मेकर्स के बीच पाउंड की डिमांड फिलहाल कम महत्वपूर्ण हो गई है। ट्रेड वॉर किसी न किसी रूप में जारी रहेगा, और आने वाले वर्षों में फेड की प्रमुख ब्याज दरों में उल्लेखनीय गिरावट आ सकती है — जो कि मौजूदा आर्थिक परिदृश्य से भी ज़्यादा हो सकती है। ऐसे में डॉलर की मांग में गिरावट तय है।
ताज़ा COT रिपोर्ट के अनुसार, "नॉन-कमर्शियल" समूह ने 6,400 बाय कॉन्ट्रैक्ट्स और 2,000 सेल कॉन्ट्रैक्ट्स को बंद किया है। इसका मतलब है कि नेट पोज़िशन में 8,400 कॉन्ट्रैक्ट्स की कमी आई है, लेकिन इसका कोई खास महत्व नहीं है।
2025 में पाउंड ने तेज़ी से बढ़त बनाई है, लेकिन इसकी मुख्य वजह ट्रंप की नीतियां हैं। जब यह प्रभाव कम होगा, तब डॉलर में रिकवरी शुरू हो सकती है। लेकिन यह कब होगा, इसका अनुमान लगाना मुश्किल है। ट्रंप अभी अपने राष्ट्रपति कार्यकाल की शुरुआत में ही हैं, और आने वाले चार सालों में कई और झटके देखने को मिल सकते हैं।
GBP/USD 1-घंटा विश्लेषण
1-घंटे की टाइमफ्रेम पर GBP/USD विश्लेषण (1 जुलाई के लिए हिंदी अनुवाद):
1-घंटे की टाइमफ्रेम पर GBP/USD जोड़ी अपनी नई तेज़ी की दिशा में आगे बढ़ती दिख रही है। मार्केट ने कुछ दिनों के लिए विराम लिया, फिर से संगठित हुआ, और अब ऐसा लगता है कि यह अपनी मजबूत अपट्रेंड को फिर से शुरू करने के लिए तैयार है। जैसा कि हम देख सकते हैं, डॉलर की गिरावट के लिए हमेशा किसी बड़ी खबर की ज़रूरत नहीं होती। वर्तमान में, अमेरिका से आने वाली लगभग हर खबर को डॉलर बेचने का एक कारण माना जा रहा है।
1 जुलाई के लिए मुख्य ट्रेडिंग स्तर इस प्रकार हैं:
1.3212, 1.3288, 1.3358, 1.3439, 1.3489, 1.3537, 1.3615, 1.3741–1.3763, 1.3833, 1.3886
इसके अलावा, Senkou Span B लाइन (1.3508) और Kijun-sen लाइन (1.3679) को भी सिग्नल स्रोतों के रूप में देखा जा सकता है।
जैसे ही प्राइस 20 पिप्स सही दिशा में मूव करता है, स्टॉप लॉस लेवल को ब्रेकईवन पर सेट करना चाहिए।
ध्यान रहे कि Ichimoku इंडिकेटर की लाइनें दिनभर में बदल सकती हैं, इसलिए सिग्नल तय करते समय इसे ध्यान में रखना ज़रूरी है।
मंगलवार (2 जुलाई) को ब्रिटेन मैन्युफैक्चरिंग PMI डेटा जारी करेगा, लेकिन इस आंकड़े से मार्केट में कोई खास प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं है, क्योंकि यह जून महीने का दूसरा अनुमान होगा, और इसमें पहले अनुमान से कोई बड़ा बदलाव नहीं होने की संभावना है। मार्केट इस डेटा को पहले ही कीमतों में शामिल कर चुका है।
अमेरिका में इस दिन दो अहम घटनाएं होंगी:
- ISM मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स का प्रकाशन
- फेडरल रिज़र्व चेयरमैन जेरोम पॉवेल का भाषण
ये दोनों घटनाएं अधिक महत्वपूर्ण हैं, लेकिन मौजूदा ट्रेंड को पलटने की संभावना फिलहाल कम है।
चार्ट पर दिए गए संकेतों का विवरण (Illustration Explanations):
- सपोर्ट और रेजिस्टेंस प्राइस लेवल्स – मोटी लाल रेखाएं, जहाँ प्राइस मूवमेंट रुक सकती है। ये ट्रेडिंग सिग्नल स्रोत नहीं हैं।
- Kijun-sen और Senkou Span B लाइनें – ये Ichimoku इंडिकेटर की मजबूत लाइनें हैं, जो 4-घंटे की टाइमफ्रेम से 1-घंटे पर ली गई हैं।
- एक्सट्रीमम लेवल्स – पतली लाल रेखाएं, जहाँ से प्राइस पहले उछली है। इन्हें ट्रेडिंग सिग्नल स्रोत माना जाता है।
- पीली रेखाएं – ट्रेंड लाइनें, ट्रेंड चैनल्स और अन्य तकनीकी पैटर्न।
- चार्ट पर COT Indicator 1 – प्रत्येक ट्रेडर श्रेणी की नेट पोज़िशन का आकार दर्शाता है।